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बुध ग्रह से जुड़े कुछ रोचक तथ्य – Mercury Planet in Hindi

Mercury Planet in Hindi – बुध सौर मंडल का सबसे छोटा और अंतरतम ग्रह है। इसका परिक्रमण काल लगभग 87.97 दिन है। इसका नाम देवताओं के दूत रोमन देवता बुध के नाम पर रखा गया है। शुक्र की तरह, बुध पृथ्वी की कक्षा के भीतर सूर्य की एक अवर ग्रह के रूप में परिक्रमा करता है, और पृथ्वी से देखे जाने के रूप में सूर्य से इसकी स्पष्ट दूरी कभी भी 28 ° से अधिक नहीं होती है।

सूर्य से निकटता का मतलब है कि ग्रह को सूर्यास्त के बाद पश्चिमी क्षितिज के पास या सूर्योदय से पहले पूर्वी क्षितिज में देखा जा सकता है, आमतौर पर गोधूलि में। इस समय, यह एक चमकीले तारे जैसी वस्तु के रूप में दिखाई दे सकता है, लेकिन अक्सर शुक्र की तुलना में इसका निरीक्षण करना अधिक कठिन होता है। यह ग्रह, शुक्र और चंद्रमा के समान, पूरी तरह से चरणों की पूरी श्रृंखला को प्रदर्शित करता है, क्योंकि यह पृथ्वी के सापेक्ष अपनी आंतरिक कक्षा में चलता है, जो लगभग 116 दिनों की अपनी समय-समय की अवधि पर होता है।

गर्मी बनाए रखने के लिहाज से इसका वायुमण्डल चूँकि करीब-करीब नगण्य है, बुध का भूपटल सभी ग्रहों की तुलना में तापमान का सर्वाधिक उतार-चढाव महसूस करता है, जो कि 100 K (−173 °C; −280 °F) रात्रि से लेकर भूमध्य रेखीय क्षेत्रों में दिन के समय 700 K (427 °C; 800 °F) तक है। वहीं ध्रुवों के तापमान स्थायी रूप से 180 K (−93 °C; −136 °F) के नीचे है। बुध के अक्ष का झुकाव सौरमंडल के अन्य किसी भी ग्रह से सबसे कम है (एक डीग्री का करीब 1⁄30), परंतु कक्षीय विकेन्द्रता सर्वाधिक है। बुध ग्रह अपसौर पर उपसौर की तुलना में सूर्य से करीब 1.5 गुना ज्यादा दूर होता है। बुध की धरती क्रेटरों से अटी पडी है तथा बिलकुल हमारे चन्द्रमा जैसी नजर आती है, जो इंगित करता है कि यह भूवैज्ञानिक रूप से अरबो वर्षों तक मृतप्राय रहा है।

बुध को पृथ्वी जैसे अन्य ग्रहों के समान मौसमों का कोई भी अनुभव नहीं है। यह जकड़ा हुआ है इसलिए इसके घूर्णन की राह सौरमंडल में अद्वितीय है। किसी स्थिर खड़े सितारे के सापेक्ष देखने पर, यह हर दो कक्षीय प्रदक्षिणा के दरम्यान अपनी धूरी के ईर्दगिर्द ठीक तीन बार घूम लेता है। सूर्य की ओर से, किसी ऐसे फ्रेम ऑफ रिफरेंस में जो कक्षीय गति से घूमता है, देखने पर यह हरेक दो बुध वर्षों में मात्र एक बार घूमता नजर आता है। इस कारण बुध ग्रह पर कोई पर्यवेक्षक एक दिवस हरेक दो वर्षों का देखेगा।

बुध की कक्षा चुंकि पृथ्वी की कक्षा (शुक्र के भी) के भीतर स्थित है, यह पृथ्वी के आसमान में सुबह में या शाम को दिखाई दे सकता है, परंतु अर्धरात्रि को नहीं। पृथ्वी के सापेक्ष अपनी कक्षा पर सफर करते हुए यह शुक्र और हमारे चन्द्रमा की तरह कलाओं के सभी रुपों का प्रदर्शन करता है। हालांकि बुध ग्रह बहुत उज्जवल वस्तु जैसा दिख सकता है जब इसे पृथ्वी से देख जाए, सूर्य से इसकी निकटता शुक्र की तुलना में इसे देखना और अधिक कठिन बनाता है।

Important Information of Mercury Planet

mean distance from Sun57,909,227 km (0.39 AU)
eccentricity of orbit0.2056
inclination of orbit to ecliptic7.0°
Mercurian year (sidereal period of revolution)87.97 Earth days
maximum visual magnitude−1.9
mean synodic period*116 Earth days
mean orbital velocity47.36 km/sec
radius (mean)2,439.7 km
surface area74,797,000 km2
mass3.30 × 1023 kg
mean density5.43 g/cm3
mean surface gravity370 cm/sec2
escape velocity4.25 km/sec
rotation period (Mercurian sidereal day)58.646 Earth days
Mercurian mean solar day175.9 Earth days
inclination of equator to orbit
magnetic field strength0.003 gauss
mean surface temperature440 K (332 °F, 167 °C)
typical surface pressureabout 10−15 bar
number of known moonsnone

बुध ग्रह की रूपरेखा

  • औसतन व्यास – 4880 किलोमीटर
  • सूर्य से औसतन दूरी – 5 करोड़ 76 लाख किलोमीटर
  • सूर्य की परिक्रमा करने में लगने वाला समय – 88 दिन
  • द्रव्यमान – 3.285 x 1023 , अर्थात 3285 करोड़ लाख करोड़ ( मतलब 1 लाख करोड़ 3285 करोड़ बारी )

Mercury Planet Facts in Hindi

1. बुध ग्रह के दो साल में तीन दिन होते हैं । अर्थात बुध सूर्य की दो बार की परिक्रमा में अपनी धुरी की तीन बार परिक्रमा करता है । 

2. सौरमंडल में बुध और शुक्र एकमात्र ऐसे ग्रह हैं जिनका कोई प्राकृतिक उपग्रह या चंद्रमा नहीं है.

3. बुध ग्रह सूर्य की परिक्रमा अंडाकार पथ पर करता है । इसकी सूर्य से निकटतम दूरी लगभग 4 करोड़ 60 लाख किलोमीटर है जबकि अधिकतम दूरी लगभग 7 करोड़ किलोमीटर है ।

4. बुध ग्रह का पर्यावरण स्थिर नहीं है । इसके ईर्द – गिर्द वायुमंडल की कोई विषेश परत भी नहीं है । जो थोड़े – बहुत परमाणु सौर वायु के कारण इसके दायरे में आ भी जाते हैं वह बुध के बहुत गर्म होने के कारण जल्द ही उड़ कर अंतरिक्ष में चले जाते हैं । इसके कारण इसका पर्यावरण स्थिर नही रहता ।

5. बुध ग्रह की सतह ऊबड़ – खाबड़ है और सतह पर कई क्रेटर ( गड्ढे ) भी हैं । कुछ गड़ढे तो बहुत बड़े हैं , सैंकड़ो किलोमीटर तक लंम्बे और तीन किलोमीटर तक गहरे ।

6. बुध को पृथ्वी के बाद दूसरा सबसे घना ग्रह (खनिज की अधिकता) कहाँ जाता है। यह मुख्य रूप से भारी धातुओं और चट्टान की विशाल सरचना से बना ग्रह है.

7. Mercury की सतह में तीन महत्वपूर्ण परतें हैं, जिनके नाम क्रमश: क्रेटर, मैदान और चट्टान है.

8. वैज्ञानिकों का कहना है कि Mercury की सतह पृथ्वी के चंद्रमा कि सतह से मिलती जुलती है.

9. बुध ग्रह बाकी सभी ग्रहों से तेज़ गति से सुर्य की परिक्रमा करता है , लगभग 1 लाख 80 हज़ार किलोमीटर प्रति घंटा । पृथ्वी लगभग 1 लाख 70 हज़ार किलोमीटर प्रति घंटा की रफ़्तार से गति करती है । अगर बात seconds में करें तो बुध एक second में 47. 362 किलोमीटर की यात्रा कर लेता है और पृथ्वी 29. 78 किलोमीटर ।

10. बुध पृथ्वी के बाद सबसे ज्यादा घनत्व वाला पिंड है । बुध का घनत्व 5. 43 gm / cm3 है जबकि पृथ्वी का 5. 51 gm / cm3 है । बुध पृथ्वी से 26 गुणा छोटा है । वैज्ञानिकों का अनुमान है कि पृथ्वी से इतना छोटा होने के बावजूद इतना ज्यादा घनत्व होना इस बात की ओर इशारा करता है कि बुध का केंद्र पृथ्वी के केंद्र की तरह लोहे का बना हुआ है और इसका लौह केंद्र पृथ्वी के लौह केंद्र से बड़ा होगा ।

11. बुध के दिन के तापमान और रात के तापनान में भारी अंतर पाया जाता है । बुध के दिन का तापमान 450°C तक पहुँच जाता है जबकि रात का तापमान °C से कहीं नीचे – 176°C तक ही रह जाता है ।

12. बुध ग्रह आकार में शनि के उपग्रह ‘ टाइटन ‘ ( Titan ) और बृहस्पति ( Genymede ) के उपग्रह ‘ गनीमीड ‘ से छोटा है । वैसे प्लुटो भी बुध ग्रह से छोटा है , पर अब वैज्ञानिक प्लुटो को ग्रह नहीं मानते , उसे ‘ बौने ग्रह ‘ ( Dwarf Planet ) का दर्जा दे दिया गया है ।

13. पृथ्वी पर से यदि बुध ग्रह को नंगी आँखो से देखना हो तो इसे सूर्योदय से ठीक पहले और सूर्यास्त के ठीक बाद देखा जा सकता है ।

14. सौरमंडल में सबसे कम गोलाकार और सबसे विलक्षण कक्षा बुध ग्रह की है.

15. बुध ग्रह सतह के नीचे पृथ्वी कि तरह ही टेकटोनिक प्लेट सक्रिय है, जिसके कारण इस ग्रह पर भी भूकंप से जुडी घटनाए होती रहती है.

16. प्राचीन रोम के लोग बुध ग्रह को देवताओं का संदेशवाहक कहते थे क्योंकि यह अंतरिक्ष में काफी तेज़ी से गति करता है ।

17. बुध ग्रह का अंग्रेज़ी नाम ‘ Mercury ‘ नाम एक रोमन देवता के नाम पर रखा गया है । लेकिन इसकी खोज किसने और कब की ? इसके बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं

19. इतिहास में बुध ग्रह का सबसे पहला उल्लेख 5000 साल पहले सुमेरी सभ्यता के लोगों द्वारा किया मिलता है ।

20. Telescope के माध्यम से बुध ग्रह को देखने वाले पहले इंसान महान वैज्ञानिक गैलीलियो गैलिली थे ।

21. बुध ग्रह का कोई उपग्रह ( चांद ) या गोल छल्ला नहीं है क्योंकि इसका गुरुत्वाकर्षण बल बहुत कमजोर है ।

22. इतिहासकारों के अनुसार बुध ग्रह कि खोज  14 वीं शताब्दी ई.पू. में असीरियन खगोलविदों द्वारा कि गई थी.

23. बुध ग्रह का वजन पृथ्वी के वजन का मात्र 38% है.

24. अगर पृथ्वी पर आपका वजन 100 किलो है तो बुध ग्रह पर ये 38 किलो होगा ।

25. बुध जब सूर्य के सबसे नज़दीक होता है तो अगर आप इस पर खड़े होकर सूर्य को देखें , तो सूर्य अपने आकार से तीन गुना ज्यादा आकार का नज़र आएगा ।

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Manish

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